दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नन्द किशोर ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इस बार ग्रामीण इलाक़ा भी कोरोना की चपेट में आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ उतनी अच्छी नहीं है। इसलिए गाँव में कुछ बीमारी होने पर लोग झोला छाप चिकित्सकों से इलाज़ करवाते है। अगर स्थिति गंभीर रहती है तब ही शहरों की ओर जाना पड़ता है। ऐसे समय में झोला छाप डॉक्टरों की कमाई बढ़ गई है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर..