तमिलनाडु के सिडको से अरुण ने एक श्रमिक साथी से बातचीत किया और उस श्रमिक साथी ने साझा मंच के माध्यम से बताया कि अब उनके काम के एक वर्ष ही बचा हुआ है और वो उसके बाद गांव जा कर खुद का बिजनेस शुरू करेंगे।