दिल्ली राज्य कपसेड़ा से नन्द किशोर प्रशाद ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों के लिए खुशखबरी है। ग्रामीण क्षेत्र की आवासीय संपत्तियों पर बैंक से कर्ज लेना अब आसान हो जाएगा। ग्राम पंचायतों के दायरे में आने वाली आवासीय संपत्तियों का मालिकाना हक देने की योजना परवान चढ़ने लगा है। गांव के मकानों का डिटेल सर्वेक्षण कई राज्य में शुरू हो चुका है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी। जिसे गांव के लोगों के लिए एक क्रांतिकारी फैसला देखा जा रहा है। पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए उद्देश्य से की प्रणाली को अपनाया जाने पर जोर दिया जा रहा है। स्वामित्व योजना के लागू हो जाने के बाद देहात गांव में रहने वाले लोग भी शहरों की अपने मकानों का व्यवसायिक उपयोग कर सकेंगे। गांव के लोगों के पास फिलहाल उनके मकानों के कोई कानूनी दस्तावेज नहीं होने से भी बैंक उसके आधार पर कर्ज देने से मना कर देती थी । पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना पर ज्यादातर राज्य में क्रिया निर्माण होने लगा है। मंत्रालय के आयोजित वर्चुअल राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार समारोह में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस योजना को सभी राज्य में लागू करने की अपील भी की है। देश के तकरीबन लाखों से भी ज्यादा ग्राम पंचायत इंटरनेट से जुड़ चुकी है। पंचायतों में पारदर्शिता लाने को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर थी। पंचायत पुरस्कार की शुरुआत किया गया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गांव की आत्मनिर्भरता के बारे में लोगों ने कहा कि तृणमूल में गांव की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है।