बिहार, नवादा से दृष्टिबाधित शिक्षक मुकेश कुमार साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से दिल्ली के दृष्टिबाधित राजेश कुमार पाठक द्वारा दिव्यांगों के हित में उठाए गए प्र्श्न के समर्थन में अपनी बात रखते हुए कह रहे हैं कि दृष्टिबाधितों की ऑनलाइन परीक्षा लेना एकदम ग़लत और अमानवीय निर्णय है। जब उन्हें कम्प्यूटर चलाना ही नहीं आता, तो वे ऑनलाइन परीक्षा कैसे दे सकते हैं? इस तरह की परीक्षा के लिए उन्हें देखने वाला और कम्प्यूटर का जानकार व्यक्ति उपलब्ध कराना चाहिए।इनकी राय है कि राज्य एवं केंद्र स्तर पर दिव्यांगों के लिए एक अलग विभाग होना चाहिए, जहाँ से दिव्यांगों के हितों और परेशानियों को ध्यान में रखते हुए योजनाएँ बनायी जाएँ और उन्हें लागू किया जाय।