ये पूर्णतः दृष्टिबाधित पवन कुमार शाक्य, जो मूलतः इटावा, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और जयपुर, राजस्थान से साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लोगों का ये कहना कि इंसानियत ख़त्म हो गयी है, ग़लत है। ये राजस्थान के जोधपुर में पढ़ाई करते हैं। बीस मार्च को ये जयपुर में ही रहने वाले अपने एक पुराने दोस्त के यहाँ घूमने आए और पच्चीस मार्च को लॉक डाउन लग गया। ये लोग बहुत गरीब हैं। आज नब्बे दिन हो गए मुझे यहाँ रहते हुए। इनके पास खुद के लिए भले ही कोई व्यवस्था न हो, लेकिन मेरे लिए हर व्यवस्था होती है। इससे ये साबित होता है कि इंसानियत अभी ज़िंदा है।