ये पुजारी तिवारी, कापासेड़ा, नई दिल्ली से साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते हैं कि यह कैसी विडम्बना है कि लॉक डाउन के दौरान शराब की दुकानों के खुलते ही वे लोग भी शराब ख़रीदने के लिए लाइन में लगे हुए हैं, जो कहते हैं कि उनके पास खाने को भी पैसे नहीं हैं।