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ये लोन कोई भी भारतीय नागरिक ले सकता है, लेकिन ये कर्ज छोटे व्यवसायों को प्रोतसाहन देने के लिए दिया जाता है, इसलिए इसके नियम और शर्तें भी अलग हैं। अक्सर माईक्रोफाइनेंस कंपनियां कर्ज किसी एक व्यक्त को देने के बजाए पांच, दस या इससे अधिक लोगों के के समूह को देती हैं। सदस्यों को यह बता दिया जाता है कि अगर कोई एक व्यक्ति कर्ज नहीं चुकाता तो बाकी लोगों को उसका पैसा देना होगा। इसके अलावा कई माईक्रोफांनेंस कंनियां मुद्रा योजना के साथ जुड़ कर काम कर रही हैं। कोई भी भारतीय नागरिक या फर्म जो किसी भी क्षेत्र (खेती के आलावा) में अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता हैं या फिर अपने वर्तमान व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता हैं और उसकी वित्तीय आवश्यकता 10 लाख रूपये तक हैं वह मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं| मुद्रा योजना के तहत लोन को विभिन्न व्यवसायों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तीन भागों में विभाजित किया है। शिशु ऋण के तहत 50,000/ – रुपये तक के ऋण दिए जाते है| किशोर ऋण के तहत 50,000 / – रुपये के ऊपर और 5 लाख रूपए तक के ऋण दिए जाते है| तरुण ऋण के तहत 5 लाख रूपये से ऊपर और 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते है| सामान्यत: इस लोन की ब्याज दर 12% प्रति वर्ष के आस-पास होती है| माईक्रोफाइनेंस कंपनियां देश भर में फैली अपनी शाखाओं और फील्ड ऑफिसर्स के जरिए लोगों को कर्ज देती हैं।
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Jan. 24, 2019, 10:59 a.m. | Tags: int-PAJ   non-profit org