झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला से टेकनारायण प्रसाद साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भारत के संविधान में लेबर एक्ट के तहत लिखा हैं कि भारतीय देश के किसी भी राज्य में जा कर सम्मान-पूर्वक रोजगार कर सम्मान पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकते हैं।गुजरात में हो रही तमाम घटनाएँ जिसमें प्रवासी मज़दूरों के साथ शोषण हो रहा हैं और दंगा कर उन्हें राज्य से निकाला जा रहा हैं। ऐसा प्रावधान संविधान से बिलकुल विपरीत हैं। महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और अगर उनके विरुद्ध कोई घटना घटती हैं तो इसपर कानून का सहारा ले कर इस पर कड़ी कारवाही होनी चाहिए। और अगर मज़दूर कोई अपमानजनक कार्य करते हैं तो स्थानीय निवासियों के साथ मज़दूर समुदाय को भी इसके विरुद्ध आवाज़ उठाना चाहिए।मज़दूरों का भी कर्तव्य होता हैं कि अगर कोई एक मज़दूर गलती कर रहे हैं तो बाकि मज़दूरों को साथ ले कर इस पर कुछ कारवाही कर संविधान का सम्मान करना चाहिए।लेकिन गुजरात घटना पर सारे प्रवासियों को मारपीट कर उनके राज्य वापस भेजा जा रहा हैं,यह शर्मसार हैं. एक आंदोलन का रूप दे कर दो राज्यों में दुश्मनी बढ़ाने के कार्य किया जा रहा हैं।