दिल्ली एनसीआर नोयडा से संजय सिंह साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि सभी कहते हैं की महिलाओं के लिए ये होना चाहिए वो होना चाहिए। लेकिन जो ठीकेदारी है वो कुछ नहीं मिलने देती। सारे पैसे ठीकेदार खा जाते हैं। कंपनी से मिलते हैं 10000 ठकेदार ठीकेदार देता है 7000 ऐसे ठीकेदारी रहेगी तो क्या मिलेगा बन्दों को।