दिल्ली एनसीआर के फरीदाबाद से हमारे संवाददाता रफ़ी ने सांझा मंच के माध्यम से शारदा जी के साथ बातचीत की। जिसमे शारदा जी से जो बताती हैं कि वे एक एक्सपोर्ट लाइन में छः वर्षों से कार्य कर रहीं हैं। इस लाइन में पुराने मजदूरों को निकाल कर नए मजदुर को रखा जाता है और उनके साथ छेड़-छाड़ किया जाता है। मजदुर नौकरी छूटने के डर से इसकी शिकायत मालिक से नहीं करतें हैं। जीएसटी होने के करण नौकरी भी जल्दी लोगों को नहीं मिल पाती है।