जिला हज़ारीबाग़ से तेज नारायण कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक गाना प्रस्तुत किये है । वे इस गाना के माध्यम से बताना चाहते है की बाल विवाह करने से लड़कियों को क्या-क्या परेशानी का सामना करना पड़ता है .
जिला-हजारीबाग,झारखण्ड से तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि एक लड़की थी जिसकी शादी कम उम्र में ही कर दी गई,जब वह ससुराल गई तो सारी जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई,क्योँकि उसकी सास ज्यादा समझदार नही थी, लड़की घर की जिम्मेदारियो को अच्छी तरह से नही जानती थी,ऐसे में सास -बहु के बीच अनबन होने लगी,इस क्रम में 2 बच्चे भी हुए,किसी तरह से प्रताड़ना सह कर वह रह रही थी ,एक दिन ऐसा आया कि उसका पति बेरोजगार हो गया,जिससे उसकी स्थिति और दयनीय हो गई और इससे इसके सास-ससुर,ननद मानसिक टेंशन देने लगे,इससे लड़की ब्याकुल हो गई,शरीर कमजोर की अवस्था में भी वो घर से बाहर काम करने को निकल गयी,जिसके कारण लोग उसे ताना मारने लगे की वो घर से बाहर काम क्यूँ करने जाती है,बच्चो की जिम्मेदारियाँ, सास और परिवार का दबाब से और प्रताड़ के क्रम में उस लड़की ने आत्महत्या कर ली ,उसके बाद उसके पिता ने उसके ससुराल वालो पर मुकदमा कर दिया और अभी उस लड़की का पति जेल में है, वो लड़की कम उम्र में शादी,बच्चे और घर-परिवार की जिम्मेदारी नहीं उठा पायी,इसलिए उसे आत्महत्या करनी पड़ी, इसलिए कम उम्र में लड़कियो की शादी नही करनी चाहिए, इससे शारीरिक और मानसिक स्थिति खराब हो जाती है
जिला हजारीबाग,प्रखंड इचाक से तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की अगर कम उम्र में बच्चियो की शादी हो जाती है,तो उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है । उन बच्चियो को ससुराल में मानसिक प्रताड़ित किया जाता है है जिससे शारीरिक कमजोरी होने लगती है। ऐसी स्थिती में बच्ची को बच्चा हो जाने की परिस्थिती बन जाती है।ऐसी परिस्थिती में उसकी ना शारीरिक विकास हो पाता है ,ना मानसिक विकास और ना ही शैक्षणिक विकास। ऐसे में वह अपना स्वरोजगार और स्वविवेक से कार्य करने में अक्षम रहती है।जहाँ उसका विकास होना है,उसका अंकुर तोड़ दिया जाता है और ऐसे में जहाँ उनका शारीरिक विकास होना चाहिए,वहां उनका शारीरिक विनास हो जाता है
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हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड से तेज नारायण कुशवाहा जी कहते हैं कि जब लड़ियों का मासिक चक्र शुरू होती है तो स्वभाविक ही उनके अन्दर चीड़चिड़ापन आ जाता है।ऐसे समय में अगर उनको कोई समझाने वाले या सही राह दिखाने वाला नहीं होता है तो वे अक्सर कोई गलत दिशा की ओर चली जाती है जिससे उनकी शारीरिक ,मानशिक पर प्रभाव पड़ता है।और अगर जब लड़की की शादी उस अवस्था में करें जब वे मच्योर हो जाएँ जैसे 18 साल की हो जाये या उससे ज्यादा तो वे ससुराल में रहकर अपनी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।
प्रखंड इचाक,जिला हजारीबाग से तेज़ नारायण प्रसाद कुशवाह जी कहते है यौन शोषण के प्रति बहुत ज्यादा असमाजिक तत्वो के लोग होते है जो किशोरियो को बहलाने फुसलाने का काम करते है और यौन शोषण किया जाता है, इन बहलाने-फुसलाने वाले लोगो पर सख्त से सख्त कार्यवाई की जानी चाहिए।
शिव नारायण जी जिला- हजारीबाग, प्रखंड-इचाक,झारखण्ड से मोबाइल वाणी के माध्यम से रोजगार पर एक गीत प्रस्तुत कर रहे है।
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