जिला पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत जी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि उमा के माता पिता उमा की 15 वर्ष की उम्र में ही नौकरी वाले लड़के पा जाने की ख़ुशी में शादी कर देना चाहते हैं,लेकिन माँ पिता अंधे हो जाते हैं और लड़की का भविष्य को नहीं देखते हैं वो समझते है की शादी दे देने से सब कुछ हल हो जायेगा पर जो लड़की पढाई करना चाहती है उसे मौका देना चाहिए एवं लड़की जो भी सपना देखती है उसे पूरा करने में उसकी सहायता करनी चाहिए।इस दिशा में जो शिक्षा समिति है उसे देखना चाहिए कि जो लड़की रोज स्कुल आती है वो अचानक क्यों आना बंद कर दी इसके लिए कानून भी बहुत हद तक दोषी है इसके कारण ही बाल विवाह होता है जो अभी भी काफी जगह पर है ये देश के लिए भविष्य के लिए बर्बादी ही लाएगी