तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि, लड़कियों की शशक्तिकरण के लिए बहुत जरुरी कदम उठाना चाहिए,और उनकी शादी 18 वर्ष से पहले नहीं होनी चाहिए क्योकि उसे शारीरिक और मानसिक विकास करने का मौका मिलना चाहिए,लकड़कियों को बस इतना ही नहीं उसे 15 वर्ष की उम्र से हर क्षेत्र में उसे प्रशिक्षण देना चाहिए जिससे की जब उसकी शादी हो जाए और अपना घर सम्भाल ले। माता और पिता को भी अपने बच्चे को ट्रेण्ड करना चाहिए क्योकि उनके गाव में भी एक परिवार ने अपनी बच्ची को ऐसी शिक्षा दी है कि वो बच्चियाँ अभी खुद शशक्त हो गई है