राजेश कुमार साथ में असलम गिरिडीह से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल यौन हिंसा पर कहते है कि इसका कारण गरीबी और भुखमरी है जिसकी वजह से बहुत सरे परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चे को होटलो और कारखानो या फिर मजदूरी का काम करने के लिए भेज देते है जिससे इनका वहां पर शोषण होता है और ये विरोध नहीं कर पाते है इसे रोकने में एक कमी यह भी है कि कानून का सही से और कड़ाई से लागु नहीं होना जीसके कारण भी बाल यौन हिंसा बढ़ रही है आपराधिक प्रवृतियो के कारण भी बच्चे रिमांड होम भेजे जाते है वहां पर भी नीतियो और कानून के सही से लागु नहीं होने के कारण बच्चो का बाल यौन शोषण किया जाता है अलग अलग तरीको से.इसे बढ़ावा देने में हमारा समाज भी कम उत्तरदायि नहीं है इसकी अहम् भूमिका होती है अगर माता-पिता अपने बच्चो कि थोड़ी बहुत ख्याल रखे सचेत रहे तो इसे बहुत हद तक रोका जा सकता है लेकिन गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन करने वाले के बच्चो को गाव के बिचोलिये और अन्य मध्यमो से दिल्ली और दूसरे प्रदेशो में कार्य करने के लिए ले जाते जहां उनका शोषन किया जाता है तो इसे केवल सरकार ही रोक सकती है एक ऐसी एजेंसी बनायीं जाये जो सिर्फ इसी पर कार्यरत हो और इसे रोकने में हर सम्भव प्रयासरत रहे.
