शैलेन्द्र सिन्हा साथ में रसिक जी दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से डायन के नाम पर महिलाओ पर हिंसा कि जाती है इसके बारे में चर्चा करते हुए कहते है कि जो महिलाये ओझा गुनी के चक्कर में पड़ती है वे महिलाये डायन के नाम पर प्रताड़ित होती है आदिवासी समाज में महिलाओ कि सम्पन्ति हड़पने के लिए ओझाओं कि चाल रहती है जिस परिवार में कोई बेटा नहीं रहता है और उस घर में केवल महिला ही है ऐसे घरो इस प्रकार कि समस्याए देखने को ज्यादा मिलती है आदिवासी समाज में महिला को सम्पन्ति का अधिकार के बारे में कहते है कि आदिवासी समाज में दो प्रकार से महिलाओ को सम्पन्ति का अधिकार है एक तो संयुक्त परिवार है तो उसमे आपको सम्पन्ति का अधिकार मिलता है और अगर उस परिवार की लड़की शादी करती और लड़का घर जमाई बनता है तो उसे स्वत: ही सम्पन्ति का अधिकार मिल जाता है.
