जिला-रांची,झारखण्ड से भूषण कुमार महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सरहुल पर्व एक ऐसा पर्व है जो मनुष्य को प्रकृति से प्रेम कराना सिखाता है ये पर्व हमारे संस्कृति को दर्शाता है इस पर्व का यही संकेत है कि हर मनुष्य अपने जीवन में एक पेड़ लगाये,इस दिन सभी लोग सरना स्थल पर जाकर पूजा-अर्चना करते है तथा तरह-तरह के मेले का आयोजन किया जाता है हमारे यहाँ भी सरहुल का पर्व बहुत अच्छे से मनाया गया जिसमे हमारे अभिभावक भी मौजूद थे जिन्होने सरहुल के महत्व को बताया,और कहा कि सरहुल प्रकृति का प्रतिक है इसलिए पेड़ को बर्बाद नहीं करना चाहिए और एक पेड़ जरूर लगाये और अपने जीवन को सफ़ल बनाये।