दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा साथ में सामाजिक कार्यकर्त्ता सरला कर्ण झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि आदिवासी समाज में खास कर संथाल परगना में महलाएं डायन के नाम पर प्रताड़ित हो रही है इसका मुख्य कारण कि उन्हें जमीन का अधिकार नहीं मिलता उनके जमीन को हड़पने के लिए गावं और समाज के लोग उन्हें डायन के नाम पर प्रताड़ित करते है महिलाओ के लिए अधिकार तो बने कानून बने पर महिलाए में जागरूकता कि कमी है और इस वजह से डायन के नाम पर वे प्रताड़ित होती आ रही है.
