दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा साथ में सुनीता हंसदा झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह पर कहती है कि बाल विवाह से किसी भी लड़की का जिसका बाल विवाह होता है उसका शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पता है और जो बच्चे जन्म लेते है वो कुपोषण का शिकार हो जाते है. झारखण्ड में कुपोषण कि संख्या बढती ही जा रही है.बाल विवाह का मुख्य कारण अशिक्षा कि कमी है अत:शिक्षा को बढ़ावा दे कर इसे रोका जा सकता है.