जिला दुमका से सलेन्द्र सिंहा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की झारखण्ड में ऐसी प्रथा कुरीतियां है.और लोगो में यह अंधविश्वास है.जिसे समाप्त करना जरुरी है.क्योकि जब लोग बीमार पड़ते है तो उसे डॉ से दिखाने के बदले झाड़-फुक करवाने ले जाते है जो एक अंधविश्वास माना जाता है.ऐसी स्थिति में गरीब बेसहारा लोग अपना जान को गवा देते है.अत:सभी से कहना चाहते है की झाड़-फुक के बदले डॉ की सलाह लेनी चाहिए।