दीपक कुमार पाठक गिरिडीह जमुआ से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर जानकारी दे रहे कि समानता का अधिकार लोगों का मौलिक अधिकार है जो भी अधिकार बन रहे है वह आम लोगों तक नहीं पहुच रहा है इसलिए ये कहना चाहते है कि जो अधिकार बना है वह लागु किया जाये उनकी देखरेख हो, हमारे मुख्यान्याधिस को समझ में नहीं आ रहा है कि कहा हमारे अधिकार का हनन कहा हो रह है ये शिक्षा विशेषज्ञों से प्रसन करते है कि आज नए अधिकार बन रहे है और पुराने अधिकार का गला घोटा जा रहा हैएक ही स्कूल में सरकारी शिक्षक को 32हजार मिल रहा है और पारा शिक्षक को मात्र 5 से 6 हजार मिल रहा है इस प्रकार शिक्षा में गुणवता कह से आयेगी.RTE के अनुसार किसी बच्चे को फ्हेल नहीं करना है.