पूर्विसिंघ्भुम:घाटशिला से भाषा शर्मा जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के द्वारा बता रहे है कि हमारे देश में बाल मजदुरी की संख्या अन्य देशो से अधिक है, जिस उम्र में बच्चो को खेलना एवं शिक्षा ग्रहण करना चाहिए उस उम्र में वे सड़को के किनारे खिलौना बेचते है,अख़बार बेचते है,जूते पॉलीस करते है,होटलों में जूठे बर्तन धोते है और कोई ईंट भट्टा में काम करते है। सबसे दुःख की बात यह है कि जिनलोगों ने इस बाल मजदूरी के खिलाफ घंटो भाषण देते है देखा जाता है कि उन्ही लोगो के घर में बाल मजदूरी होती है,सिर्फ इतना ही नही उन पर शोषण भी किया जाता है हालाकि सरकार बाल मजदूरी को रोकने के लिए हेल्प लाइन की शुरुआत की है इसके बावजूद भी बाल मजदूरी की संख्या बढ़ रही है,इसे समाप्त करने की दिशा में सख्त कदम उठाना होगा।