फूलो हसदा,पोटका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रहे है की अगर बच्ची रोज स्कूल जाते जाते अचानक कतराने लगती है तो बच्ची चुपचाप रहने लगती है और किसी से बात करने से डरती है परन्तु कई जगह देखा जाता है की बच्ची को मार-पीट कर स्कूल भेजा जाता हैऔर वह स्कूल चल जाती है ऐसी स्थिति में वह अपनी दोस्त को अपना दुखड़ा सुनाती है परन्तु अपनी माँ-बाप को नहीं बता पाती है.अतः इनका कहना है की अगर ऐसे लक्षण बेटी में देखने को मिलता है तो उसे प्यार से पूछना चाहिए क्योकि बिना कारण के ऐसे भाव देखने को नहीं मिलेगी और ये भी बाल शोषण का कारण है।