रानी दुर्गावती युद्ध कर रही थी उसी समय एक की भुजा पर लग गई उन्होंने उस दिल को निकाल कर फेंक दिया तभी दूसरी तीर उनकी आंखों पर भेज दिया गया इस तरह से उन्होंने अपने आप को आत्मसमर्पण ना करके उन्होंने अपने आपको आत्म बलिदान दिया l