जिला दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है की दुमका सदर अस्पताल में जेनरेटर में तेल नहीं रहने के कारण और बिजली भी नहीं रहने से अस्पताल में रहता है अंधेरा।बिजली नहीं रहने से मरीज की स्थिती काफी नाजुक हो जाती है.अस्पताल में जेनरेटर है पर ऑपरेशन और प्रसव के दौरान ही चलाये जाते है.15 केवी का जेनरेटर चलाने के लिए प्रति घंटा के हिसाब से 5 लीटर डीजल की आवश्यकता होती है और वर्ष भर के लिए इसके लिए राशि 10000 हजार ही आबंटित किये जाते है जो की वर्ष भर के लिए अपर्याप्त है अत: मरीजो की हालत को मद्देनजर देखते हुए सरकार इस अस्पताल में सुविधाओ की पूर्ति की जाए.