गिरिडीह : दशरथ महतो डुमरी गिरिडीह से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से आरटीई कानून के बारे में जानकारी दी है। वे कहते हैं कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सभी तरह के बच्चो को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिला है। यह अधिनियम झारखण्ड में 1 अप्रैल 2010 में लागु हुआ है। इस कानून में 6 वर्ष से १४ वर्ष के बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को लागु कर भारत सरकार ने 6 वर्ष से १४ वर्ष के बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा को मूलभूत अधिकार से तो जोड़ दिया गया है लेकिन आज भी कितने ऐसे बच्चे 6 वर्ष से 14 वर्ष के हैं जो इस अधिकार से वंचित है।