रांची:मनोज कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी में यह सन्देश दे रहे है कि झारखण्ड को वन प्रदेश कहा गया है।यहाँ अनेक प्रकार के जंगली जीव निवास करते है।इनमे हाथी प्रमुख है , झारखण्ड में हाथिओं का उत्पात होता रहता है ,सोनाहातु ,सिल्ली।,बुंडू ,इचाधाद ,सिमडेगा , बेड़ो ,लापुंग।, हजारीबाग ईचाक क्षेत्र हाथिओं से प्रभावित क्षेत्र है।काफी समय से झारखण्ड हाथियों का निवास स्थल रहा है।आजकल हाथी ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश करते है इसका मुख्य कारन है की गजराजों को जंगल क्षेत्र में भोजन का आभाव है।मानव जनसँख्या उबकी जीवन शैली को प्रभावित कर चुकी है।हाथिओं का आवास छीनता जा रहा है।इसलिए हाथिओं की सुरक्षा और संरक्षण जरूरी है। दिन प्रतिदिन वन क्षेत्र सिमट रहा है।आखिर जंगली हाथी कहाँ जाए ?मानव की गतिविधि पर्यावरण में बदलाव का मुख्य कारन है। प्रश्न है कि हाथी कहाँ जाए। हाथी भी अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।एक दिन ऐसा होगा की हाथिओं के बारे में सिर्फ कम्पुटर स्क्रीन पर पढेंगे और दिखाई देगा। इसलिए जरूरी है की हाथिओं का सरंषण किया जाए।जह्र्खंड सरकार जंगली जिव जंतुओं के सुरक्षा के लिए उतनी तत्पर नहीं है। जैसे की कांके क्षेत्र में एक भेड़िया की मार दिया गया।