जिला दुमका के काठीकुंड प्रखंड से जीतेन्द्र भगत ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रो में लड़का और लड़की में भेद भाव किया जाता है।सरकार द्वारा यह नर लगाया जाता है की लड़का कड़की सब एक समान लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और ही देखा जाता है।अभी भी लड़कियो को बोझ समझा जाता है।बेटे को अभी भी महान और बेटियो को बोझ समझा जाता है।अत:ग्रामीण क्षेत्रो में इस भेद भाव को ख़त्म करने की आवश्यकता है।