झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से जेएम रंगीला झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से विज्ञान स्नातक पूर्व मुखिया सह प्रख्यात समाज सेवी दिलीप कुमार से राज्य की लचर होती शिक्षा व्यवस्था पर बातचीत कर रहे हैं।बातचीत के दौरान दिलीप कुमार ने बताया कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था बिलकुल ही चौपट हो गयी है यह संतोष जनक लायक नहीं रह गया है। वे बताते हैं कि सरकारी विद्यालयों में सिर्फ गरीब ,किसान एवं गांव के बच्चे पढ़ाई करने जाते हैं। विद्यालय में जहाँ पांच सौ बच्चे उपस्थित है वहां केवल चार शिक्षक ही उपस्थित रहते हैं। उनका कहना है कि सरकार के व्यवसाईकरण और निजीकरण के कारण शिक्षा बहुत महंगा हो गया जिससे गरीबों के बच्चे नहीं पढ़ सकते हैं। दिलीप कुमार बताते कि राज्य में शिक्षा की ऐसी स्थिति होने स्थानीय जनप्रतिनिधि पूरी तरह से जिम्मेवार हैं , जो चुनकर जाते हैं और इस तरह की समस्याओं की व्याख्या सरकार के समक्ष नहीं कर पाते हैं।सरकार तक इन कार्यों की स्थिति के नहीं पहुँचने के कारण जनता अव्यवस्था का शिकार हो जाती हैं । वे कहते हैं कि झारखण्ड एक खनिज सम्पदा से परिपूर्ण राज्य है और देश के विभिन्न क्षेत्रों में यहां के कोयले की आपूर्ति की जाती है।इसके बदले झारखण्ड सरकार को रॉयल्टी के रूप में लाभ प्राप्त भी हो रही है।बावजूद इसके राज्य में अच्छे विद्यालयों की कमी है।