झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से निर्मल महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मनरेगा योजना केंद्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है और इससे लोगों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार मिला हुआ है। लेकिन गौर करने वली बात है कि मनरेगा कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग से जुड़ा मामला नवाडीह प्रखंड के बेरमो अनुमंडल में सामने आया है। यहाँ नक्सली प्रभावित क्षेत्र में मनरेगा कार्य में जेसीबी का उपयोग किया गया। पंचायत में मनरेगा कार्य के अंतर्गत बन रहे डोभा निर्माण में जेसीबी का उपयोग किये जाने की शिकायत सामने आयी है। इतना ही नहीं बेखौफ होकर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। मनरेगा के कार्यों में हर हाल में मजदूरों को काम दिया जाना है परन्तु अधिकारी, कर्मचारी से लेकर लाभुक तक के बीच में एक ऐसी व्यवस्था बनायीं गयी है ,जिसमे जेसीबी का सहारा लेकर काम पूरा किया जाता है। इससे मजदूरों को काम नहीं मिलता। कुछ मजदूरों का जॉब कार्ड बनवा कर उनके खातों में राशि भेजी जाती है,फिर उस मजदूर को कुछ पैसे देकर शेष रकम को आपस में बंदरबांट किया जाता है। बीडीओ सुभाष चंद्र दास ने कहा कि उन्हें मनरेगा कार्य में जेसीबी के उपयोग किये जाने की जानकारी नहीं थी ,अगर ऐसी बात है तो इससे सम्बंधित अधिकारियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जायेगा।