झारखण्ड राज्य के पूर्वी सिंघभूम ज़िला के पोटका प्रखंड से सुन्दर रंजन गोप झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि जब जब शादी पार्टी होती है तो खाने के लिए प्लेट का इस्तेमाल किया जाता हैं। पहले ऐसा होता था कि खाने का प्लेट साल के पत्ते का बना हुआ होता था। लेकिन आज कर स्टैंडर्ड होने के कारण लोग थर्माकोल प्लेट का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। जहां तक इस्तेमाल करना सही है लेकिन इस्तेमाल करने के बाद लोग यहां वहां फेंक देते हैं। जब सुन्दर जी ने पूर्वी सिंहभूम क्षेत्र के पोटका प्रखंड के धिरोल पंचायत के आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया तब उसी समय उनकी नजर कुछ तालाबों पर पड़ी। जब उन्होंने सामने जाकर देखा तो तालाब में थर्माकोल का प्लेट फेंका हुआ था। साल के पत्ते का प्लेट इस्तेमाल करने के बाद अगर कहीं भी फेंक दिया जाए तो वह मिट्टी में मिल जाती है जिससे कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।पत्तो का प्लेट मिट्टी में मिलने के बाद खाद का भी काम करती हैं जो पर्यावरण के लिए अच्छा हैं। लेकिन इस थर्माकोल के प्लेट के इस्तेमाल करने के बाद अगर लोग जलाते भी हैं तो बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।यह प्रदुषण भी फैलाती हैं। इंसान को हमेशा यह सोचना चाहिए कि पानी हमारे लिए बहुत जरूरी है। अगर लंबे समय तक किसी तालाब में थर्माकोल का प्लेट फेंका रह जाए तो वह गन्दगी फैलाएगी और उस तालाब पर नहाने वाले इंसानों को भी इस गन्दगी के वजह से कई बीमारियाँ होने की संभावना बढ़ जाती हैं।