बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । यह हम में आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है।जहाँ प्राथमिक शिक्षा विद्यार्थियों को आधार प्रदान करती है, जो जीवन भर मदद करती है, वहीं माध्यमिक शिक्षा आगे की पढ़ाई का रास्ता तैयार kहै और उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरे जीवन में, भविष्य में आगे बढ़ने का रास्ता बनाती है। हमारी शिक्षा इस बात का निर्धारण करती है कि हम भविष्य में किस प्रकार के व्यक्ति बनेंगे। दोस्तों , इस हफ्ते जनता की रिपोर्ट में हम बात करेंगे झारखण्ड में उच्च शिक्षा की बदहाली की व्यवस्था पर श्रोताओं , 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार राज्य में साक्षरता का प्रतिशत 66.41 था. इसमें महिलाओं में साक्षरता दर 52.04% , जबकि पुरुष साक्षरता दर 76.84% थी. लेकिन इसके ठीक विपरीत झारखंड में उच्च शिक्षा की नामांकन दर सिर्फ 8.1 फीसदी है. यानी राज्य में सौ में से सिर्फ 8.1 फीसदी युवा ही उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज या विवि तक पहुंच पाते हैं केंद्रीय मानव संसाधन विभाग ने उच्च शिक्षा और इसे बढ़ावा देनेवाले संस्थानों की रिपोर्ट जारी की है। इसमें झारखंड की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। राज्य में केंद्रीय, राज्य , निजी और डीम्ड सभी मिलाकर कुल 14 विश्वविद्यालय हैं।इस कारण यहां के 50 प्रतिशत छात्र अन्य राज्यों में उच्च शिक्षा के लिए हर साल पलायन कर जाते हैं। और जिसमे सामान्य से स्नातक कोर्स के शिक्षा के साथ तकनिकी क्षेत्र की शिक्षा भी शामिल है । एक गैर-सरकारी आकड़ों के अनुसार इन छात्रों साथ -साथ राज्य से लगभग डेढ़-से दो अरब रूपये शिक्षा के नाम पर दूसरे राज्यों में चले जाते है। ऐसे में झारखंड सरकार को राजस्व की क्षति तो हो ही रही है। इसके साथ यहाँ का विकास और रोज़गार भी परोक्ष रूप से प्रभावित हो रहा है। दोस्तों , राज्य में उच्च शिक्षा की इस तरह की बदहाली पर आप क्या सोचते है ? क्या आप या आपके जान-पहचान लोग है , जो उच्च शिक्षा कारण राज्य से पलायन कर गए ?आपके अनुसार राज्य में उच्च शिक्षा बदहाली पीछे क्या-क्या कारण हो सकते है ? अभी चुनावी मौसम के खत्म होते ही 12 वीं के परीक्षा के परिणाम आ जाएंगे , क्या आपने अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का ध्यान शिक्षा इस बदहाली पर दिलाया है। इन सभी बातों पर आप अपनी राय , प्रतिक्रिया और अनुभव हमारे साथ जरूर साझा करें