अवनीश दुमका,काठीकुंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला हिंसा पर कहते है की महिला दिवस आया और गया हरेक वर्ष की तरह इसे मनाया गया पुरे गाजे-बाजे ,उमंग और जोश के साथ जैसे हर वर्ष हम गणतंत्र,स्वतंत्रता दिवस,होली,दीपावली दशहरा इत्यादि को मनाते है थोडा हसना,थोडा बिछुड़ना बधाइयो और शुभकामनाओ के तांते उपहारो,वस्त्र,आभूषणो पर छूट,अखबारो,टीवी चैनलो में महिला स्तुति,समस्त नारी जाति के प्रति सम्मान की होड़ ठीक हर बार की तरह घर में भी महिलाओ को भी