भारतीय रेलवे को निश्चित अवधि में रेल यात्री किराये की समीक्षा करनी चाहिए. तो श्रोताओं आप हमे बताये , जीआरपीएफ एवं आरपीएफ द्वारा अपनी मान मर्ज़ी चलाने से कई तरह की समस्याओं का सामना रेलवे विभाग को करना पड़ता है.. इस समस्या का समाधान निकालने क लिए रेलवे विभाग को कौन से ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है....? दोस्तों, कई बार रेलवे कर्मियों द्वारा अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल किया जाता ऐसे में रेलवे कर्मियों के हड़ताल में चले जाने से रेलवे को कितना नुकसान उठना पड़ता है...? कई बार हमे सुनने ओर पढ़ने को मिलता है की जीआरपीएफ एवं आरपीएफ के वेतन से अधिक यात्रियों से वसूली की गई राशि होती है. तो क्या प्रसाशण को इस पर कोई कदम उठना चाहिए जिससे जनता के साथ- साथ रेलवे विभाग को भी राहत मिल सके...?दोस्तों आप हमे बातएं की रेलवे को राजस्व का नुकसान को कम करने में एक आम यात्री की क्या भूमिका होनी चाहिए..?आपके अनुसार किराये को व्यवहारिक बनाने और यात्री किराये से राजस्व को बढ़ाने के लिए रेलवे द्वारा क्या कदम उठाये जाने चाहिए..?