झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के तेनुघाट से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि करमा पर्व प्रकृति का पर्व हैं। आदिवासियों द्वारा करमा पूजा पारंपरिक रूप से विधि-विधान एवं झूमर गीत-संगीत के साथ उत्साहपूर्ण मनाया जाता हैं। परन्तु आज आदिवासियों को छोड़ अन्य जातियों में करमा व झूमर गीत का प्रचलन कम हो गया हैं।इसके स्थान पर डी.जे की धुन को ज़्यादा महत्व दिया जा रहा हैं। आजकल युवतियों में भी उत्साह देखने को नहीं मिलता।