झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि झारखंड प्रदेश में गांव की तस्वीर तथा चौमुखी विकास के लिए 2010 में पंचायत के सर्वांगीण विकास के लिए जनता ने अपने आत्मविश्वास के साथ अच्छे प्रतिभा वान मुखिया को गांव के विकास के लिए कार्यों का निष्पादन हेतु चुनते हैं। परन्तु जनप्रतिनिधि ग्राम सभा से पारित योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारते हैं। वार्ड सदस्य की बातों को नहीं मानते।उच्च पदाधिकारी की लचर व्यवस्था को देखते हुए कई लोग रोज़गार की तलाश में पलायन कर जाते हैं।जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए सिर्फ मुखिया के विचार को ही माना जाता है। पंचायत के लिए सिर्फ मुखिया,पंचायत समिति सदस्य को अहम माना जाता है। सरकार के द्वारा आम जनता के लिए जो भी योजनाएँ चलाई जाती है उसकी जानकारी जनता को नहीं दी जाती है। जिसके कारण लोग अपने अधिकार से वंचित रह जाते हैं। साथ ही उस योजनाओं का लाभ जनप्रतिनिधि के नजदीकी रिस्तेदार को मिल जाता है।यही नहीं सड़क निर्माण,डोभा निर्माण,पीएम आवास निर्माण,पीसीसी निर्माण सहित कई योजनाओं में पदाधिकारियों के टेबल तक पैसा पहुंचाने का ज़रिया जनप्रतिनिधि को बनाया जाता है। सरकारी बाबुओं को खुश करने की चाह में ईमानदार जनप्रतिनिधि पूरी तरह से फसते जा रहें हैं।