झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि समाज में महिलाओं को आधी आबादी मानी जाती है।पुरुष समाज में महिलाओं को निम्न स्तर का माना जाता है,परन्तु नारी किसी भी युग में संघर्ष से नहीं हारती हैं।इसका जिता जगता मिशाल बाघमारा प्रखंड के अंतर्गत छत्रुटाढ़ पंचायत तथा महुदा पंचायत में देखने को मिला जहाँ सुशीला नामक महिला एक साधारण परिवार में होते हुए भी घर गृहस्थी, खेती बारी सबकुछ संभालते हुए बीएड की परीक्षा पास की।साथ ही कड़ी मेहनत कर वर्तमान में झारखंड पुलिस के रूप में कार्यरत हैं।वहीँ दूसरी महिला मोहदा पंचायत की सनीमा बीबी है,जो कि एक सुदूर गांव महुदा बस्ती की रहने वाली है।और वह अपना घर गृहस्थी के साथ साथ खेती बारी को सँभालते हुए अपने पंचायत की मुखिया बन कर पंचायत के कार्यभार देख रही हैं। और इस तरह वे समाज को यह सन्देश दे रही हैं कि नारी संघर्ष में कभी नहीं हारती हैं।