झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि भारत को आजद हुए 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज कुपोषण बेकाबू होता जा रहा है। इनमे झारखंड भी शामिल है।कुपोषण का शिकार अधिक मात्रा में बच्चे और महिलाएं होती हैं। इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएँ चलाई जाती परन्तु उसे धरातल पर नहीं उतारा जाता है। आंगनबाड़ी केंद्र में कुपोषण दिवस कब मनाया जाता है इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिल पाती है। जिसके कारण कुपोषण के बचाव से लोग वंचित रह जाते हैं। यह सच है कि पहले की तुलना में कई आंगनबाड़ी केन्द्रो में कुपोषण से बचाव के उपाय के बारे में बताया जाता है। फिर भी कुछ क्षेत्रो में अभियान चला कर कुपोषण पर काबू पाया जा सकता है। इसमें आम जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधि को आगे आने की आवश्यकता है।