झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतों जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत देश की आत्मा गांवों में बस्ती है। और भारत एक कृषि प्रधान देश हैं यहां के लगभग 70 प्रतिशत आबादी आज भी कृषि पर निर्भर करते हैं। लेकिन गौर किया जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का घोर आभाव है। सरकार द्वारा किसानों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाई जाती है लेकिन दुःख की बात है कि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुँच पाता है। वहीँ अगर स्वास्थ्य के क्षेत्र की बात की जाये तो करोड़ो रुपये की लागत से अस्पताल बन चुके हैं लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों , नर्सों , एएनएम एवं तमाम स्वास्थ्य कर्मियों की कमी पाई जाती है। वहीँ दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय है और इसमें एकरूपता की कमी देखि जाती है।इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहाँ गरीब परिवार का बच्चा सही शिक्षा के आभाव में किसी भी क्षेत्र में नौकरी नहीं कर पाते वहीँ उच्च वर्ग के बच्चे देश एवं राज्य के सर्वोच्च पद जैसे जेपीएससी,यूपीएससी और एसएससी पदों के लिए क्वॉलिफाई कर पाते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति सिर्फ साक्षरता दर बढ़ाने तक ही सिमित है। साथ ही सरकारी कार्यालयों में पदाधिकारियों का घोर आभाव है। मजदूरों की समस्याओं के निपटान हेतू प्रत्येक प्रखंड में लेबर इंस्पेक्टर की जरुरत होती है लेकिन एक अधिकारी पुरे जिले को संभाल रहे हैं। ऐसे में देश के सर्वांगीण विकास का सपना कैसे पूरा होगा।