झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां के लगभग 70 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। देश के अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम् योगदान है। उनका कहना है कि आज़ादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी गांवों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाई है । और शायद यही वजह है कि आज भी हमारे देश में असमानता व्याप्त है।चूँकि इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज भी अधिकांश गांव में बिजली,पानी ,शिक्षा ,सड़क आदि जैसी मूलभूल आवश्यकताओं की भारी कमी है। साथ ही किसानों में कृषि सम्बन्धी जानकारी की कमी, कृषि उत्पादों की बिक्री हेतू हाट बाजार का आभाव आदि एक गंभीर समस्या है। वे कहते हैं कि ग्रामीणों और खासकर दबे कुचले लोगों को विकास के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए गांव में ही रोजगार सृजन किया जाना चाहिए लेकिन स्थानीय मुखियां एवं अन्य जनप्रतिनिधि इस ओर किसी तरह का ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में देश की सर्वांगीण विकास की कल्पना कैसे की जा सकती है यह एक विचारणीय प्रश्न है।