जिला पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि, आज भी किसी परिवार में लड़कियों का जन्म लेना बोझ माना जाता है।आज भी हाथीबिंदा पंचायत या आस-पास के क्षेत्र में यह देखा जाता है कि परिवार वाले आज भी लड़कों को शिक्षित करने के बारे में अधिक सोचते हैं यही सोच लड़कियों के प्रति नहीं नजर है।परिवार वाले यह सोचते हैं की लड़की पराई होती हैं और उसे शिक्षा से वंचित रखा जाता है।