जिला पूर्वी सिंघभूम पोटका प्रखंड के हाथीबिन्दा पंचायत से चक्रधर भगत जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पोटका प्रखंड अंतर्गत हाथीबिन्दा पंचायत में स्थित शिव कालेश्वर मंदिर तीन सौ साल से भी अधिक पुराना है। फिर भी यह स्थल आज भी उपेक्षित है। झारखण्ड के अलग राज्य बने १७ साल हो गएँ हैं लेकिन आज भी इस क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है। वहाँ पर गौरा नदी मंदिर के गौरव को बनाये रखा है। यहाँ जो गुप्त गंगा है, उससे शिव की उपस्थिति का एहसास दिलाता है। साथ ही साथ पहाड़ ,घने पेड़ पौधे,कला मंदिर का प्रतिष्ठा को और बढ़ाता है। लेकिन आज के युवा पीढ़ी इस आधुनिक युग में अपने रहन सहन और सोच विचार इस सच से परे हैं। कोगदा गांव और आस पास के लोगो ने विकास का नींव 2010 में डाले। उसके बाद इस क्षेत्र को टाटा जमशेदपुर रास्ते से जोड़ा गया उसके बाद विकास इस क्षेत्र का विकास कुछ हद तक विकास संभव हो पाया है । लेकिन अभी भी विकास अधूरा है । इसके लिए पंचायत के प्रतिनिधि और राज्य के प्रतिनिधि को इसपर ध्यान देना होगा।