झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद ,प्रखंड बाघमारा से मोबाइल वाणी रिपोर्टर मदन लाल चौहान मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि हमारा देश 15 अगस्त सन 1947 को आजाद हुआ।देश की आजादी में अनेकों माता-पिता ने अपने औलाद को खो दिया ,तो कइयों ने अपने भाई को कुर्बान कर दिया।और हजारों की संख्या में बच्चे अपने बालअवस्था में ही पिता के प्यार से महरूम हो गए।जैसे ही देश आजाद हुआ सम्पूर्ण देश जश्न के माहौल में डूब गया।आजादी के बाद से आज तक में देश का काफी विकास हो चूका है,लेकिन देश के आजादी में शहीद हुए जवानों का गांव ,घर एवं परिवारों की दशा आज भी जस की तस बनी हुई है। शहीद हुए जवानों की परिवारों को आज भी किसी सरकारी योजना जैसे पेंशन आदि की सुविधा बड़ी ही मुश्किल से मिलती है।एक बात गौर करने वाली यह भी है कि चुनाव के समय वोट बैंक के लिए बड़े -बड़े राजनेताओं द्वारा रैली निकालकर शहीद हुए जवानों को याद कर श्रधंजलि दी जाती है और उनके परिवारों से बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं लेकिन ये वादे सिर्फ अख़बारों तक ही सिमटकर रह जाती है। और यही वजह है कि शहीद हुए जवानों की परिवारों की स्थिति आज भी दयनीय है। वे कहते हैं कि शहीद हुए जवानों की परिवारों की स्थिति में सुधार लाने के लिए देश में एक कानून बननी चाहिए जिसमें यह प्रावधान होने चाहिए कि देश सेवा यानि फ़ौज में शामिल हुए जवानों के पुत्र एवं भाई-भतीजा होने पर विधायक,सांसद एवं राज्य सभा के सदस्य के लिए नॉमिनेट किया जायेगा ,तभी जाकर राजनीतिक स्थिति में सुधार आयेगा ।