जिला छत्तीसगढ़ से गुमान सिंह कंवर जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं, कि बाल विवाह पहले देखने को मिलता था। लेकिन अब तो उनके यहाँ लड़की-लड़का सभी को एक सामान समझा जाता है।दोनों को बराबर ही शिक्षा दिया जाता है। अगर कहीं ऐसा नहीं होता है तो लड़का-लड़की की सोचना होगा की अभी उनकी उम्र नहीं है शादी करने की,और उनके माता पिता को भी थोड़ा समझना होगा और अपने बच्चों को सपोर्ट करना होगा। तभी जा कर बाल विवाह रुकेगी। अन्यथा नहीं रुकेगी।