जिला हज़ारीबाग़, प्रखंड विष्णुगढ़ से राजेश्वर महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। और देश में कृषि से 80% लोगों को रोजगार मिलता है। किसान फसलों की उत्पादन को बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग ज्यादा मात्रा में करते हैं। परन्तु इसका प्रभाव आम जनता को झेलना पड़ रहा है।जानकारी के अनुसार पंजाब और हरियाणा में फसलों की उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति में रासायनिक खाद का प्रयोग अधिक मात्रा में किया गया था। परन्तु अधिक मात्र में रासायनिक खाद का प्रयोग करने से भूमि बंजर हो जाती है इसका प्रभाव 10 से 20 वर्षों के बाद नजर आता है। परिणाम स्वरूप पंजाब और हरियाणा में आज फसलों की उत्पादन बढ़ाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।उन्होंने बताया कि राज्य में कृषि योग्य भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाएँ रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कृषक मित्रो के माध्यम से प्रत्येक किसानों को कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए पांच हजार रुपया दिया जा रहा है। अतः ये किसान बन्धुओं से यह आग्रह करते हैं कि अपने खेतो में जैविक खाद का उपयोग अधिक से अधिक मात्रा में करें। केंचुआं को किसान का मित्र समझा जाता है चूँकि केंचुआं खेतों की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने में मदद करते हैं।साथ ही झारखण्ड राज्य में जैविक खाद बनाने के लिए उपयुक्त जगह है।