जिला पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीब परिवारों को मिलने वाली सुविधा सही ढंग से नहीं मिल पा रही है। इसके पीछे एक वजह यह है कि गाँव में ग्राम सभा का आयोजन सही ढंग से नहीं होता है और न ही किसी तरह की जानकारी ग्रामीणों को दी जाती है।वे कहते हैं कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीब परिवारों को 35 किलो अनाज देने का प्रावधान है।लेकिन गरीबों को पूरा राशन नहीं दिया जाता है।कहीं कहीं प्रति व्यक्ति 5 किलो के हिसाब से राशन का वितरण किया जाता है लेकिन वह भी बायोमैट्रिक्स सिस्टम से राशन वितरण होने के वजह से कई बार कुछ लोगो का फिंगरप्रिंट मशीन में नहीं लेता है जिससे लोग वंचित रह जाते हैं। साथ ही वे कहते हैं कि जहाँ किरोसिन तेल ढाई लीटर देने की बात है वहां लाभुकों को दो ही लीटर मिल रहा है। चीनी नमक के बारे में कार्डधारी को कोई जानकारी नहीं है और डीलर भी लाभुक को सही जानकारी नहीं देते हैं। एक बात गौर करने वाली यह भी है कि राशन कार्ड में किस दर से राशन दिया जाता है उसका मूल्य अंकित नहीं किया जाता है। क्योकि मूल्य अंकित करने का राशन कार्ड में जगह ही नहीं है। इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए और लोक कर्मचारी को गाँव में आकर कार्डधारी को सही हक़ पहुंचाने की सुविधा करनी चाहिए