जिला धनबाद बाघमारा से मदन लाल चौहान जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाल विवाह एक सामाजिक कुढ़ की तरह है। आज भी कई गांव में जहां शिक्षा का प्रकाश नहीं पहुंच पाया वहां बाल विवाह की प्रथा चल रही है। जैसे-जैसे शिक्षा का प्रचार हुवा वैसे-वैसे अशिक्षा भी अंधकार मुक्त होती चली गई और बाल विवाह पर रोक लगी। बाल विवाह को रोकने में टीवी एक सशक्त माध्यम बना और बाल विवाह को रोकने वाले शिक्षा का जोत जगाने वाले साक्षरता प्रेरक एवं स्वयं सेवकों की भी सराहनीये योगदान रहा। सर्व प्रथम निरक्षरों को साक्षर बनाया गया और बाल विवाह से होने वाली सजा एवं नुकसान के बारे में बताया गया। अब सरकार ngo के माध्यम से जागरूकता अभियान चला कर बाल विवाह पर रोक लगाए।