जिला पूर्वीसिंघभुम, पोटका प्रखंड के हाथीबिंदा पंचायत,गाँव कोगदा से चक्रधर भगत जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पूर्व में गाँव एवं पंचायती का प्रधान पुरुष ही हुआ करते थे।लेकिन जब से पंचायती राज हुआ है तब से महिलाओ को भी अधिकार दिया गया और उन्हें भी वोटों के जरिये मुखिया बनाया गया । लेकिन उसके बाद जो कार्य उन्हें पंचायत में करना चाहिए वो नहीं कर रहे हैं। उसके बदले में महिला मुखिया बदले उनके भाई,पिता या उसके पति ही पंचायतों के काम करते हैं। इसमें देखा जा रहा है कि जो सरकारी योजनाएं हैं और जो भी सुविधाएँ सरकार की ओर से पंचायतों को मिलती है उसमें लूट खसोट बढ़ गई है। इसका मुख्य वजह है महिला मुखियाओं का घर से बाहर नहीं निकलना और अपनी जिम्मेदारी के प्रति गंभीर न होना । और यही वजह है कि वो आम जनताओं से रूबरू नहीं हो पा रही हैं।