झारखण्ड राज्य के पूर्वीसिंघभुम,पोटका प्रखंड के हाथीबिंदा पंचायत से चक्रधर भगत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पंचायती राज व्यवस्था होने के बाद अभीतक गाँव घर का हालत जितना सुधरना चाहिए था उतना सुधर नहीं सका है।खाद्य आपूर्ति योजना के तहत गरीबो को राशन कार्ड अभी तक मुहैया नहीं कराया गया है। इसी तरह से इंदिरा आवास योजना भी सही मायने में गरीब लोगो को नहीं मिला है,सिर्फ संपन्न परिवार वालों को ही मिला है। वही दूसरी ओर बिजली की स्थिति भी दयनीय है।इन सात सालों में जितने भी सरकारी योजनएं संचालित हो रही हैं, जिसका देख-रेख पंचायती राज व्यवस्था के तहत मुखिया द्वारा किया जाना चाहिए ,परन्तु इन सभी योजनाओं का देख-रेख बिचौलियाँ द्वारा किया जा रहा है और सिर्फ मुखिया का इस्तेमाल रबर स्टाम्प और हस्ताक्षर के लिए ही किया जाता है। इस तरह से गॉँव में मुखिया सिर्फ घर पर बैठे रहते है और बिचौलियाँ मुखियां बनकर गाँव में घूम-घूम कर काम करते है और योजनाओं का लाभ अपने अनुसार किसी को भी उपलब्ध कराते है।