जिला बोकारो से शिवनारायण महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि गुरु शिष्य परम्परा युगों-युगों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है, और रहेगा। आज समय के बदल जाने से या युगों में परिवर्तन होने से तरीकें नहीं बदल गए हैं। दुनिया में पुराने समय से ही पानी प्यास बुझाने के लिए है ऐसा तो नहीं की पहले लोग प्यास बुझाने के लिए भोजन किया करते थे..? सूर्य पुराने समय में जो कार्य करता था वो आज तक भी सूर्य वही कार्य कर रहा है। ठीक इसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्य को ज्ञान देते आ रहें हैं।पुराने समय में भी गुरु के माध्यम से ही ज्ञान की प्राप्ति होती थी और आज भी गुरु ही ज्ञान प्रदान करते हैं।आज समय के बदल जाने से गुरु शिष्य के मायने नहीं बदले हैं।