धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड अंतर्गत महुदा ग्राम से बीरबल महतो जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि जंगल खेत और खलियान, झूमर है झारखण्ड की पहचान। हमारा भारत विभिन्नताओं का देश है। जहाँ भारत की सांस्कृतिक अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग गीत/संगीतो की पहचान है, उसी तरह झारखण्ड की संस्कृति में झूमर गीत का एक अहम् हिस्सा है। झूमर का अर्थ झाड़-जंगल से निकली हुई ध्वनि। जंगल झारखण्ड की पहचान है तो झूमर झारखण्ड की आत्मा। झूमर नहीं तो झारखण्ड का पहचान नहीं । झूमर गीत को बचाये रखने के लिए सभी आदिवासी-मूलवासिओं को आगे आना होगा। सभी झारखंडवासियों को मिलकर झूमर गीत के प्रेम को जगाना होगा। सरकार को झूमर जैसे गीतों को आगे लाना चाहिए।